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Tuesday, July 10, 2018

PCOD In Hindi-Symptoms,Causes,Treatment (Poly Cystic Ovarian Syndrome) के बारे में वो हर बात जो एक महिला को होनी चाहिए पता

Poly Cystic Ovarian Syndrome/ PCOD In Hindi- Symptoms, Causes,Treatment के बारे में आज हम हर वो बात जानेगें जो एक महिला को होनी चाहिए पता। 

महिला चाहे कामकाजी हो या ग्रहणी उस पर सदैव ही कई जिम्मेदारियों का भार रहता है। जिसके कारण वो अपने स्वास्थ के प्रति अक्सर लापरवाही करती हैं।



उस पर आज के दौर की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी, तनाव और बदलते हुए रहन सहन ने महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियों और बिमारियों का शिकार बनाना शुरू कर दिया है।



PCOD -Signs,Symptoms,Treatment



वर्तमान समय में कम उम्र की महिलाओं में एक गंभीर समस्या जो बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, आज हम उसी की चर्चा करेंगें। 

हम बात कर रहे हैं -"PCOD In Hindi-Symptoms,Causes, Treatment (PolyCystic Ovarian Disease) के बारे में 
वो हर बात जो एक महिला को होनी चाहिए पता"


पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(Polycystic Ovarian syndrome) जिसे आम तौर पर PCOD (in hindi) के नाम से भी जाना जाता है। 



में प्रकाशित survey ये बताते हैं की विश्व में और भारत, चीन आदि में Polycystic Ovarian Syndrome प्रजनन की उम्र वाली लगभग 5-10% महिलाओं में पायी जाने वाली  Hormonal Disease या बीमारी है। इनमे से ज़्यादा तर महिलाएं ये जानती ही नहीं की उनमे ये विकार है। 

Polycystic Ovarian Syndrome -PCOD IN HINDI:


महिलाओं में पाए जाने वाले Female sex hormones (Estrogen और Progesteron) के संतुलन के बिगड़ जाने के कारण उनमें PCOD की समस्या उत्पन्न होती है। 


ये Female sex hormones ही महिलाओं में menstrual problems/मासिक धर्म के लिए, pregnancy/प्रेगनेंसी, और कई अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। 



महिलाओं में 'Androgen' नामक  male hormone भी थोड़ी मात्रा में बनता है। यदि किसी कारण से Androgen का स्त्राव ज्यादा होने लगता है तब ऐसे महिलाओं  में PCOD की बीमारी हो सकती है।



PCOD में hormones के असंतुलन के फलस्वरूप महिलाओं की ovary में तरल पदार्थयुक्त छोटी -छोटी गांठ / Ovarian cyst का निर्माण होने लगता है। 


PCOD में महिला के मासिक धर्म से लेकर,उसकी प्रजनन क्षमता, उसकी शारीरिक सरंचना और भावात्मक /emotional कई तरह के परिवर्तन आ सकते हैं। 

इन गांठों / Ovarian cyst के आकार में बढ़ने से fertility या प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है जिससे कि महिला के pregnant 

होने की सम्भावना में भी कमी आ जाती है।

यदि समय पर इसका इलाज न करवाया जाये तो कुछ लोगों में ये cancer का रूप भी ले सकती है। 


PCOD के लक्षण - SYMPTOMS OF POLYSYSTIC OVARIAN SYNDROME /PCOD IN HINDI:


PCOD के कई लक्षण होते हैं, जरुरी नहीं कि हर महिला, जिसको ये परेशानी हो उसमे सारे लक्षण दिखें।


किस Hormone का कितना स्तर है ,उस पर यह निर्भर करता है की कौन -कौन से लक्षण दिखेंगे।



चलिए देख लेते हैं कि PCOD के कौन- कौन से लक्षण होते हैं -


SYMPTOMS OF PCOD IN HINDI ,POLYCYSTIC OVARIAN SYNDROME
Symptoms of PCOD IN HINDI




  • अनियमित मासिक धर्म /Irregular Periods(पीरियड्स का समय पर न आना) , (पीरियड्स का कम होना या अधिक स्त्राव होना) , (पीरियड्स का  न आना ) आदि।
  • वजन बढ़ना/Weight Gain(मोटापे के समस्या जो PCOD के कारण होती है और मोटापे के कारण PCOD की समस्या और अधिक बढ़ती है )
  • चेहरे और शरीर के अन्य भागों पर जैसे कि, पेट,जाँघों,पीठ आदि
    पर बालों का असमान्य रूप से पाया जाना।
  • मुहासों की समस्या होना (acne )
  • तैलीय त्वचा का होना (Oily Skin)
  • सिर के बाल झड़ना (Alopecia)
  • त्वचा पर गहरे दाग धब्बों का होना (Pigmentation)
  • अवसाद (depression) होना
  • Mood changes
  • Anxiety का होना
  • प्रजनन क्षमता में कमी होना (Infertility)
  • बार-बार गर्भपात का होना (Frequent Abortions)
  • अल्ट्रासाउंड में ovary में cyst का दिखना
  • डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि का खतरा होना

PCOD का कारण /CAUSES OF PCOD In Hindi : 

अगर इसके कारणों की बात की जाए इसका असली या मूल कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। 

1.अनुवांशिकी  और हॉर्मोन का असंतुलन / Genetics & Hormonal Imbalance:


ज्यादातर डॉक्टरों का यही मानना है कि हार्मोन का असंतुलन और अनुवांशिक कारण इसमें सबसे मुख्य भूमिका निभाते हैं 


ऐसा देखा गया है कि जिन महिलाओं के परिवार में उनकी मां या बहन में यह परेशानी अगर , पहले देखी गई हो तो ऐसी स्थिति में उनमे भी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने का खतरा ज्यादा पाया जाता है । 


2.Insulin Resistance का होना :


इंसुलिन रेजिस्टेंस या प्रतिरोध एक बहुत ही आम कारण है PCOD का। जब किसी महिला का शरीर इंसुलिन के लिए कम प्रभावशाली होता है तो खून में शुगर की मात्रा का संतुलन बिगड़ जाता है । फलस्वरूप शरीर और ज्यादा insulin का स्राव करने लगता है 

बढ़ी हुई इंसुलिन के प्रभाव से महिला के शरीर में पाए जाने वाले male हार्मोन Androgens की मात्रा बढ़ जाती है 


जिसके कारण ही शरीर पर बालों का उगना, अनियमित

मासिक धर्म का होना।कील मुंहासे होना, पीरियड का समय पर ना आना आदि  समस्या उत्पन्न हो जाती है।

देखा गया है 80% महिलाएं जिनमें PCOD पाया जाता है वह Insulin Resistance होती हैं और ऐसी महिलाओं में Type 2 Diabetes और Cardiovascular diseases के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। 


बीते कुछ वर्षों में PCOD बीमारी के मामलों में काफी उछाल देखने को मिला है।


इसकी बढ़ती हुई संख्या को देख कर डॉक्टर्स का यह मानना है कि ऊपर दिए कारणों के अलावा भी कुछ कारण हैं, जिसके चलते PCOD अब कम उम्र की लड़कियों में भी एक आम समस्या बनती जा रही है। 



आइए देख लेते हैं वो और कौन-कौन से ऐसे कारण हैं जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं :


3. Lifestyle  Changes & Food Habits :


बीते कुछ वर्षों में हमारे रहन सहन / lifestyle में काफी बदलाव आए हैं। हमारे खान-पान / food habits में बहुत ही ज्यादा अंतर देखने को मिलने लगा है।

आज की व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव है ,जिसके चलते समय पर खाना न खाना ,घर का पौष्टिक और संतुलित भोजन न लेना ये बहुत ही आम सी बात हो गयी है।  



आजकल जंक फूड /junk food और मीठी चीज़ों, chocolates , cake ,cold drinks आदि के अधिक सेवन के कारण लोग obesity/ मोटापे की चपेट में भी आते जा रहें हैं। 



मोटापा Type 2 Diabetes ,B.P आदि कई बीमारियों की सम्भावना को बढ़ा देता है और महिलाओं में PCOD के लिए भी जिम्मेदार होता है।  

मोटापे के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन / Estrogen Hormone  सामान्य से अधिक उत्पादित होने लगता है जो महिलाओं की ovaries में सिस्ट /cyst बनाने के लिए जिम्मेदार माना गया है। 


4.  तनाव / Stress :

बीते कुछ वर्षों में देखा गया है की बढ़ता हुआ तनाव या stress महिलाओं में PCOD की समस्या के एक मुख्य कारण के रूप में सामने आया है।  


आज के समय में ज्यादातर लोग तनाव या stress से ग्रस्त है।भाग -दौड़ भरी जिंदगी और घर-बाहर की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद में महिलाएं और ज्यादा तनाव की शिकार होती जा रही हैं। 



तनाव के कारण शरीर में hormones का संतुलन बिगड़ जाता है और कई बिमारियों होने का खतरा बढ़ जाता है और महिलाओं में PCOD सबसे आम समस्या है जिसके होने का खतरा रहता है।  

पीसीओडी का परिक्षण कैसे करते है/ DIAGNOSIS OF PCOD In Hindi :    


इसका परिक्षण कई तरह से किया जा सकता है। 


  • ULTRASOUND / PELVIC ULTRASOUND 
  • BLOOD TEST: इनके द्वारा हम होर्मोनेस के स्तर का पता लगा सकतें है। 
        *Serum L.H
        *Serum F.S.H
        *L.H: F.S.H ratio
        *DHEA -S level



पीसीओडी का इलाज़ / TREATMENT OF PCOD IN HINDI:


PCOD का कोई विशेष इलाज़ मौजूद नहीं है। इसको पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया जा सकता ,बल्कि इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है। 


हर महिला में अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं, इसलिए इलाज़ भी उनके आधार पर अलग-अलग होता है। 


अपनी Lifestyle /रहन -सहन और Food habits/खान-पान में सही करके हम काफी हद तक PCOD या Poly Cystic Ovarian Syndrome के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं तथा अन्य complications को होने से रोक सकते हैं। 

PCOD Problem Treatment /उपचार हेतु जानकारी :


1.डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन /Consult your Doctor:


अपनी डॉक्टर की सलाह पर आप दवाइयों का सेवन कर सकती हैं। 


पर यह ध्यान रखें कि बिना किसी doctor  की सलाह के किसी भी दवा का सेवन अपने आप ना करें ,क्यूंकि ऐसा करना आपकी स्थिति को और भी complicated बना सकता है।  


आपका डॉक्टर आपकी लक्षणों के आधार पर आपको दवाइयां देगा। 


यदि आप मां बनना चाहती हैं तो, doctor की सलाह पर 'Fertility drugs' का सेवन करें।


ऐसा करने से ovulation induction करवाकर गर्भधारण/ pregnancy में मदद हो सकती है।

यदि आप गर्भवती होने की योजना नहीं बना रही हैं ,तो डॉक्टर की सलाह पर आप Birth Control Pills ले  सकती हैं । 


Birth Control Pills , इनको लेने से अनियमित माहवारी, मुहासों का होना,male hormones के अधिक स्त्राव आदि समस्याओं का निदान किया जा सकता है। 


2. वजन पर नियंत्रण रखना/Weight Management :

बढ़ता हुआ वजन आपकी इस समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है इसलिए जरुरी है कि मोटापे पर नियंत्रण रखा जाये। 

ऐसा देखा गया ही की weight management/वजन पर नियंत्रण रखकर काफी हद तक इस परेशानी में लाभ मिलता है। 

वजन नियंत्रित रहने से शरीर में hormones भी नियंत्रित रहते हैं और  insulin resistance की समस्या में भी कमी आती है,जिससे PCOD की बीमारी के लक्षणों में आराम देखने को मिलता है। 


3. नियमित व्यायाम, योग करना/Regular Exercise :

यह बहुत जरुरी है की आप नियमित व्यायाम/योग का अभ्यास जरूर करें। 


Yoga और Exercise जहाँ हमारे वजन को नियंत्रित करते हैं वहीँ शरीर में इन्सुलिन के और hormones के सही स्तर को बनाये रखने में बहुत मददगार होते हैं। 

योग में कई आसन जैसे की सूर्यनमस्कार ,भुजंगासन ,
सर्वांगसन, मत्स्यासन,शलभासन ,धनुरासन,चक्रासन आदि बहुत ही लाभदायक आसन हैं महिलाओं के स्वास्थ के लिए।  

Yoga और Meditation से तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है। 



PCOD signs,symptoms,treatment in hindi /polycystic ovarian syndrome
             Treatment & Precautions in PCOS



4. संतुलित व पौष्टिक भोजन खाना /Balanced Diet:

  • ऐसे महिलाओं को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 
  • भोजन  में ज़्यादा से ज़्यादा फल-सब्ज़ियों का सेवन करें।
  • तला-भुना,मसालेदार भोजन का सेवन कम करें। 
  • Junk Food और Cold Drink से दूर रहे। 
  • मीठे और दूध से बनी वस्तओं का सेवन कम से कम करें। 


5.  जीवनशैली में सुधार / Lifestyle changes : 


 Lifestyle में बदलाव करके आप PCOD के लक्षणों में सुधार
 देख सकते हैं। 

  • नियमित दिनचर्या का पालन करें। 
  • सही समय पर पौष्टिक भोजन लें। 
  • तनाव से दूर रहें। 
  • खुश रहने की आदत डालें।
  • Alcohol,Smoking आदि से दूर रहें। 
  • पूरी नींद लेना न भूले। कम से कम 6 -8 घंटे की नींद जरूर लें।  



6. शल्य चिकित्सा /Surgery :
कुछ महिलाओं में surgery की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 

Laser या Cautery की मदद से ovary की cyst में छेद किया जाता है।

 इस सर्जरी को Laparoscopic ovarian drilling (LOD) Laparoscopic electrocauterisation of ovarian stroma कहा जाता है। 

7. अन्य चिक्तिसा पद्वितियों का सहारा     
     लेना/Adjuvant treatment :

Ayurveda और naturopathy आदि के प्रयोग के द्वारा PCOD में काफी सुधार देखने को मिलते हैं। 

महिलाएं इन उपचारों की मदद से मातृत्व का सुख भी पा सकती है साथ ही साथ इसमें होने वाली अन्य complications से भी बच सकती हैं। किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर दवाईयां लें। 



                                     
यह थी जानकारी- "PCOD In Hindi-Symptoms, Causes,Treatment (Poly Cystic Ovarian Syndrome) के बारे में वो हर बात जो एक महिला को होनी 
चाहिए पता"


तो देखा आपने भले ही आजकल PCOD तेज़ी से बढ़ती हुई समस्या बन रही है खास करके कम उम्र की महलाओं में और जो कि  Infertility / बांझपन का भी एक बहुत बड़ा कारण है। 



परन्तु सही lifestyle, खान -पान ,व्यायाम ,योग,
तनाव मुक्त रहकर और doctor की सलाह  पर दवाइयां लेकर माँ भी बना जा सकता है और अन्य complications से दूर रहा जा सकता है।

बस जरुरत है सही समय पर लक्षणों को पहचानने
और समय पर इलाज़ करने की।!!!

  
अगर PCOD IN HINDI के बारे में जानकारी अच्छी लगी तो औरों को भी share करें और सबको जागरूक बनायें !!!!



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