Monsoon Skin Care Tips In Hindi|barish mein twacha ki dekh bhaal|skin care in monsoon hindi
"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल- तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स |Monsoon Skin Care in Hindi"- गर्मी की चिलचिलाती धूप और लू के बाद, बरसात की फुवारें एक नई ताजगी और स्फूर्ति लेकर आती हैं। बरसात के मौसम में पूरी प्रकृति ही खिल उठती है और साथ में हमारा मन भी।
शायद ही कोई ऐसा हो जिसे बरसात का मौसम पसंद न हो। बच्चे-बड़े सभी बरसात में भीग कर उसका आनद उठाते हैं।
परंतु सारा मज़ा तब किरकिरा हो जाता है जब ये सुहावना बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियों को लेकर आता है।
जी हाँ,बरसात में पेट, त्वचा, बाल सम्बन्धी, और अन्य कई संक्रामक बीमारियां होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
बच्चे और बूढ़ों और लम्बे समय से किसी
chronic बीमारी से ग्रस्त लोगों में ये खतरा
और भी ज्यादा होता है।
बरसात के मौसम में वातावरण में नमी/
humidity काफी बढ़ जाती है,जिसके कारण
कई तरह के Bacteriaऔर fungus काफी
सक्रीय हो जातें है।
इस मौसम में पसीना जल्दी सूख ना पाने,बारिश
में भीगने,गीले कपड़ों को ज्यादा देर तक पहनने के कारण, गंदे पानी और वातावरण की नमी के
कारण ये बैक्टीरिया और fungus त्वचा
समबंधित कई बीमारियां उत्पन्न कर सकतें है।
इसलिए बारिश के मौसम में हमें अपनी त्वचा का और भी अधिक ध्यान रखना चाहिए।
चलिए बात कर लेते हैं -"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स|Monsoon Skin Care in Hindi"
बारिश के मौसम में अधिकतर Fungal और Bacterial Infections होते हैं। इनमे मुख्य रूपसे जो बीमारियां होती हैं वो इस प्रकार हैं :
* दाद / Ring Worm
* नाखूनों में infection
* फोड़े -फुंसी
* खुजली का होना
* घमौरी का होना
* कील-मुँहासे होना
* दाग धब्बे होना
* Athlete's Foot
* Scabies
दाद जिसको कि Ring Worm या Dermatophytosis आदि नामों से जाना जाताहै, बारिश के मौसम में होने वाली सबसे common skin diseases में से एक है।
- शरीर को सूखा रखे। नहाने के बाद और बारीश में।भीग जाने के बाद शरीर को तौलिया से अच्छे से सुखा लें।
- सूखे धुले हुए साफ़ कपडे ही पहने। गीले या
नम कपडे पहनने से बचें।
- सूती / cotton के कपडे पहने तो ज्यादा बेहतर है क्यूंकि ये पसीने को सोखने में मदद करतें हैं।
- घर या बाहर किसी और के कपडे और तौलिया
का प्रयोग कभी भी न करें।
- बारिश में भीगने से बचें। हमेशा अपने साथ
छाता जरूर रखें।
- बारिश में भीग जाने की स्तिथि में जल्द से
जल्द गीले कपड़ों और जूतों को बदल लें।
- नहाने के लिए medicated soap/साबुन
का प्रयोग करें।
- Antifungal Powders जैसे कि
Candeula आदि का प्रयोग करे,
खासतौर पर underarms पर।
- बारिश के मौसम में खुले चप्पल और जूते पहने।
बंद जूते पहनने से बचें।
- बारिश में बाहार से आकर अपने पैरों को गरम पानी और antiseptic liquid या soap से धोएं।
क्यूंकि हमारे पैर बारिश में गंदे पानी और कीचड़ के संपर्क में आते हैं,इसलिए इनकी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
- प्रयास करें कि भीड़- भाड़ वाले स्थान और बारिश में
जहाँ गन्दा पानी भरा हो ऐसी जगहों पर न जाएं।
- यदि सावधानी रखने के बाद भी आपको
किसी प्रकार का skin infection हो जाये
तो तुरंत doctor को दिखायें।
ये बहुत ही ज़रूरी है क्यूंकि आज के समय में
सभी bacteria और fungus दवाइयों के प्रति resistant होते जा रहे हैं ।
ऐसे में अपने आप दवा लेने या इलाज़ में देर करने
से आपको नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है।
- दाद,नाखून में इन्फेशन ,या athlete's foot scabies हो जाने पर doctor की सलाह पर एंटीफंगल /antifungal,antibacterial
दवाइयों का प्रयोग करें।
- क्यूंकि ये बीमारियां संक्रामक/infectious होती हैं इसलिए एक दूसरे के कपड़ों,चादर आदि का प्रयोग न करें।
- कुछ घरेलु नुस्खे हैं जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह के
साथ प्रयोग कर सकतें हैं :
* नहाने के पानी में नीम की पतियों का
प्रयोग करें
* फिटकरी / Alum को पानी में मिलाकर
नहाएं।क्यूंकि ये बहुत ही अच्छी antiseptic.
होती है।
* नारियल के तेल में कपूर मिलाकर शरीर
की मालिश करें और उसके बाद नहाएं ।
इससे शरीर पर बैक्टीरिया और फंगस अपना ।
प्रभाव नहीं दिखा पायेंगें।
* नहाने के पानी में नींबू का रस मिलाकर नहाएं
- चेहरे पर हफ्ते में 2 बार scrub या उबटन करें
इससे चेहरे पर जमी गंदगी हटेगी और रोमछिद्र
खुले रहेंगे और तेल जमने से acne आदि नहीं
होंगें।
- बारिश के मौसम में oily creams,moisturizer
और cosmetics के प्रयोग से बचें।
- आभूषणों /Jewellery का प्रयोग कम
करें इनसे बारिश में allergy होने का डर
रहता है,जिससे खुजली,rashes आदि हो
सकतें हैं।
- सबसे अहम् बात अपने खान -पान का
विशेष ध्यान रखें।
यदि आपपौष्टिक भोजन लेते हैं तो आपकी
immunity / रोग -प्रतिरोधात्मक क्षमता
अच्छी रहेगी। ऐसे में आप जल्दी किसी भी
इन्फेक्शन की चपेट में नहीं आएंगें।
- बरसात में Vitamin C का प्रयोग जरूर
करें,आपकी immunity को बढाकर ये
आपको रोगों से लड़ने और घावों को जल्दी
भरने में मदद करेगा ।
- बरसात में भले ही प्यास कम लगती है परन्तु
सही मात्रा में पानी जरूर पीएं।
क्यूंकि पानी हमारे शरीर से toxins और अन्य
अवाँछित पदार्थों को बाहर निकलने में मदद
करता है।
विशेष :
बच्चे, बूढ़े ,diabetic व्यक्ति और immuno-compromised patients(लम्बी बीमारी
के कारन जिनकी रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता
कम हो गयी हो), ऐसे सभी लोगों में बरसात
के मौसम में skin infections का खतरा
अधिक होता है। इसलिए इन सभी को विशेष
ध्यान रखने की जरुरत है।
"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स |Monsoon Skin Care in Hindi"
तो देखा दोस्तों अगर हम कुछ छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखें तो हम बारिश का आनद बड़े मजे से उठा सकतें है। परन्तु वहीँ हमारी ज़रा सी लापरवही हमारी त्वचा को भारी पड सकती है और हम कई तरह की फंगल और बैक्टीरियल बिमारियों से ग्रसित हो सकतें है।
जहाँ एक ओर ये skin problems अत्यंत कष्टकारी होती हैं ,वही ये हमारी सुंदरता को भी छीन सकती हैं ,इसलिए ,इनके प्रति सचेत रहें ,Rainy season में skin care tips को अपनाये और बीमारी के होने पर Doctor से तुरंत सलाह लें।
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"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल- तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स |Monsoon Skin Care in Hindi"- गर्मी की चिलचिलाती धूप और लू के बाद, बरसात की फुवारें एक नई ताजगी और स्फूर्ति लेकर आती हैं। बरसात के मौसम में पूरी प्रकृति ही खिल उठती है और साथ में हमारा मन भी।
शायद ही कोई ऐसा हो जिसे बरसात का मौसम पसंद न हो। बच्चे-बड़े सभी बरसात में भीग कर उसका आनद उठाते हैं।
परंतु सारा मज़ा तब किरकिरा हो जाता है जब ये सुहावना बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियों को लेकर आता है।
Monsoon Skin Care Tips in Hindi |
जी हाँ,बरसात में पेट, त्वचा, बाल सम्बन्धी, और अन्य कई संक्रामक बीमारियां होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
बच्चे और बूढ़ों और लम्बे समय से किसी
chronic बीमारी से ग्रस्त लोगों में ये खतरा
और भी ज्यादा होता है।
बरसात के मौसम में वातावरण में नमी/
humidity काफी बढ़ जाती है,जिसके कारण
कई तरह के Bacteriaऔर fungus काफी
सक्रीय हो जातें है।
इस मौसम में पसीना जल्दी सूख ना पाने,बारिश
में भीगने,गीले कपड़ों को ज्यादा देर तक पहनने के कारण, गंदे पानी और वातावरण की नमी के
कारण ये बैक्टीरिया और fungus त्वचा
समबंधित कई बीमारियां उत्पन्न कर सकतें है।
इसलिए बारिश के मौसम में हमें अपनी त्वचा का और भी अधिक ध्यान रखना चाहिए।
चलिए बात कर लेते हैं -"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स|Monsoon Skin Care in Hindi"
बारिश के मौसम में होने वाले कुछ त्वचा सम्बंधित रोग / Skin Infection & Diseases during Monsoon Season:
बारिश के मौसम में अधिकतर Fungal और Bacterial Infections होते हैं। इनमे मुख्य रूपसे जो बीमारियां होती हैं वो इस प्रकार हैं :
* दाद / Ring Worm
* नाखूनों में infection
* फोड़े -फुंसी
* खुजली का होना
* घमौरी का होना
* कील-मुँहासे होना
* दाग धब्बे होना
* Athlete's Foot
* Scabies
1. दाद / Ring Worm /DERMATOPHYTOSIS:
दाद जिसको कि Ring Worm या Dermatophytosis आदि नामों से जाना जाताहै, बारिश के मौसम में होने वाली सबसे common skin diseases में से एक है।
Ringworm - Monsoon Skin Care Tips in Hindi |
- दाद एक संक्रामक फंगल /Contagious Fungal infection है।
- दाद की शुरुवात लाल छोटे गोल चकत्तों से होती है, जिनमे काफी खुजली भी होती है। खुजाने से और इलाज़ न कराने से इन चकत्तों का आकार / size बढ़ता जाता है।
- और इनका गोल घेरा दिनों दिन बढ़ने लगता है। ये शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकतें हैं।
- दाद मुख्यतः पैरों , पैरों की उँगलियों के बीच में ,गर्दन और त्वचा के उन हिस्सों में जहाँ skin folds होते हैं और नमी रहती है वहां ज़्यादा पाया जाता है।
- इंसानों में यह जानवरों से भी हो सकता है।
- क्यूंकि यह संक्रामक / contagious रोग है इसलिए एक दूसरे का towel / तौलिया इस्तेमाल करने,नंगे पैर चलने,public बाथरूम इस्तेमाल करने आदि से भी फैल सकता है।
- बच्चों,बूढ़ों और diabetic patients में इसके होने का खतरा ज़्यादा पाया जाता है।
2.नाखूनों में इन्फेक्शन /Nail Infections/Onychomycosis:
नाखूनों में भी बारिश के मौसम में Fungal
Infection का खतरा बढ़ जाता है।
* इसे Onychomycosis के नाम से भी जाना जाता है।
* नाखूनों का सफ़ेद या पीला discolouration
होना,नाखून की जड़ के पास से उसका टूट जाना, या pus/मवाद पड़ जाना और दर्द होना ये सभी इसके लक्षण हैं।
* अगर इसके कारणों की बात की जाये तो
अधिकदेर पानी में रहना,पसीना ज्यादा आना,
गंदे मोज़े और जूते पहनना इसके मुख्य कारण
होते हैं।
Infection का खतरा बढ़ जाता है।
* इसे Onychomycosis के नाम से भी जाना जाता है।
* नाखूनों का सफ़ेद या पीला discolouration
होना,नाखून की जड़ के पास से उसका टूट जाना, या pus/मवाद पड़ जाना और दर्द होना ये सभी इसके लक्षण हैं।
* अगर इसके कारणों की बात की जाये तो
अधिकदेर पानी में रहना,पसीना ज्यादा आना,
गंदे मोज़े और जूते पहनना इसके मुख्य कारण
होते हैं।
3. Athlete's Foot / Tinea pedis:
यह भी Dermatophytosis का एक रूप है जो कि पैरों में Fungal Infections के कारण होता है।
* इसमें पैरों में खुजली होना, दरारें पड़ना,
फटना,लाल होना,scaling आदि लक्षण देखने
को मिलते हैं।
* यह भी ज्यादा देर पानी में रहने, पैरों में नमी रहने, गंदे पानी के आने,गंदे socks आदि से होता है।
* इसमें पैरों में खुजली होना, दरारें पड़ना,
फटना,लाल होना,scaling आदि लक्षण देखने
को मिलते हैं।
* यह भी ज्यादा देर पानी में रहने, पैरों में नमी रहने, गंदे पानी के आने,गंदे socks आदि से होता है।
4. कील -मुँहासे /Acne :
बारिश के मौसम में स्वेद ग्रंथियां/Sweat glands और तेल-ग्रंथियां/ Sebaceous glands अधिक सक्रिय हो जाती हैं।और नमी के कारण पसीना न सूखने आदिसे कील मुहाँसों कि समस्या इस
मौसम में बढ़ जाती है।
मौसम में बढ़ जाती है।
5. स्कैबीज़ /Scabies :
Scabies- Monsoon Skin Care in Hindi |
Scabies का खतरा भी बारिश के मौसम में बढ़ जाता है।
* यह भी त्वचा में छोटे परजीवी Parasitic
Mites के infection से होने वाली बीमारी है।
* यह एक संक्रामक/contagious बीमारी है।
* इसमें अत्यधिक खुजली वाले pimple जैसे
rashes पाए जाते हैं,जो काफी लाल भी
होते हैं।
* इसकी खुजली रात के समय ज्यादा
बढ़ जाती है।
* यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है
परन्तु Wrist/कलाई,between fingers
उंगलियों के बीच में, waist/ कमर पर
ज्यादा पायी जाती है।
* यह भी त्वचा में छोटे परजीवी Parasitic
Mites के infection से होने वाली बीमारी है।
* यह एक संक्रामक/contagious बीमारी है।
* इसमें अत्यधिक खुजली वाले pimple जैसे
rashes पाए जाते हैं,जो काफी लाल भी
होते हैं।
* इसकी खुजली रात के समय ज्यादा
बढ़ जाती है।
* यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है
परन्तु Wrist/कलाई,between fingers
उंगलियों के बीच में, waist/ कमर पर
ज्यादा पायी जाती है।
6. अन्य / OtherProblems :
बरसात में नमी, गंदे पानी, वातावरण में bacteria, fungus ,virus आदि के सक्रिय होने,और तेज़ धूप आदि के कारण अन्य त्वचा संबंधी परेशानियां जैसे की फोड़े , फुंसी, एक्ज़ीमा, खुजली ,चकत्ते pigmentation आदि हो सकते हैं।
हमने बारिश में होने वाली त्वचा सम्बन्धी बीमारियों के बारे में तो जान लिया।
परन्तु अब ये जानना बहुत आवयशक है कि कैसे हम खुद को और अपने परिवार को इन बिमारियों से बचाएँ।
परन्तु अब ये जानना बहुत आवयशक है कि कैसे हम खुद को और अपने परिवार को इन बिमारियों से बचाएँ।
तो देख लेते हैं वो कौन-कौन से सावधानियां है जिन्हें अपनाकर हम बारिश का दिल खोलकर आनंद उठा सकते है बिना अपनी त्वचा को
हानि पहुँचाये।
हानि पहुँचाये।
बारिश के मौसम में रखें इन बातों का ध्यान / Precautions to take For Healthy Skin in Monsoon Season:
- शरीर को सूखा रखे। नहाने के बाद और बारीश में।भीग जाने के बाद शरीर को तौलिया से अच्छे से सुखा लें।
- सूखे धुले हुए साफ़ कपडे ही पहने। गीले या
नम कपडे पहनने से बचें।
- सूती / cotton के कपडे पहने तो ज्यादा बेहतर है क्यूंकि ये पसीने को सोखने में मदद करतें हैं।
- घर या बाहर किसी और के कपडे और तौलिया
का प्रयोग कभी भी न करें।
- बारिश में भीगने से बचें। हमेशा अपने साथ
छाता जरूर रखें।
- बारिश में भीग जाने की स्तिथि में जल्द से
जल्द गीले कपड़ों और जूतों को बदल लें।
- नहाने के लिए medicated soap/साबुन
का प्रयोग करें।
- Antifungal Powders जैसे कि
Candeula आदि का प्रयोग करे,
खासतौर पर underarms पर।
- बारिश के मौसम में खुले चप्पल और जूते पहने।
बंद जूते पहनने से बचें।
- बारिश में बाहार से आकर अपने पैरों को गरम पानी और antiseptic liquid या soap से धोएं।
क्यूंकि हमारे पैर बारिश में गंदे पानी और कीचड़ के संपर्क में आते हैं,इसलिए इनकी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
- प्रयास करें कि भीड़- भाड़ वाले स्थान और बारिश में
जहाँ गन्दा पानी भरा हो ऐसी जगहों पर न जाएं।
- यदि सावधानी रखने के बाद भी आपको
किसी प्रकार का skin infection हो जाये
तो तुरंत doctor को दिखायें।
ये बहुत ही ज़रूरी है क्यूंकि आज के समय में
सभी bacteria और fungus दवाइयों के प्रति resistant होते जा रहे हैं ।
ऐसे में अपने आप दवा लेने या इलाज़ में देर करने
से आपको नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है।
- दाद,नाखून में इन्फेशन ,या athlete's foot scabies हो जाने पर doctor की सलाह पर एंटीफंगल /antifungal,antibacterial
दवाइयों का प्रयोग करें।
- क्यूंकि ये बीमारियां संक्रामक/infectious होती हैं इसलिए एक दूसरे के कपड़ों,चादर आदि का प्रयोग न करें।
- कुछ घरेलु नुस्खे हैं जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह के
साथ प्रयोग कर सकतें हैं :
* नहाने के पानी में नीम की पतियों का
प्रयोग करें
* फिटकरी / Alum को पानी में मिलाकर
नहाएं।क्यूंकि ये बहुत ही अच्छी antiseptic.
होती है।
* नारियल के तेल में कपूर मिलाकर शरीर
की मालिश करें और उसके बाद नहाएं ।
इससे शरीर पर बैक्टीरिया और फंगस अपना ।
प्रभाव नहीं दिखा पायेंगें।
* नहाने के पानी में नींबू का रस मिलाकर नहाएं
- चेहरे पर हफ्ते में 2 बार scrub या उबटन करें
इससे चेहरे पर जमी गंदगी हटेगी और रोमछिद्र
खुले रहेंगे और तेल जमने से acne आदि नहीं
होंगें।
- बारिश के मौसम में oily creams,moisturizer
और cosmetics के प्रयोग से बचें।
- आभूषणों /Jewellery का प्रयोग कम
करें इनसे बारिश में allergy होने का डर
रहता है,जिससे खुजली,rashes आदि हो
सकतें हैं।
- सबसे अहम् बात अपने खान -पान का
विशेष ध्यान रखें।
यदि आपपौष्टिक भोजन लेते हैं तो आपकी
immunity / रोग -प्रतिरोधात्मक क्षमता
अच्छी रहेगी। ऐसे में आप जल्दी किसी भी
इन्फेक्शन की चपेट में नहीं आएंगें।
- बरसात में Vitamin C का प्रयोग जरूर
करें,आपकी immunity को बढाकर ये
आपको रोगों से लड़ने और घावों को जल्दी
भरने में मदद करेगा ।
- बरसात में भले ही प्यास कम लगती है परन्तु
सही मात्रा में पानी जरूर पीएं।
क्यूंकि पानी हमारे शरीर से toxins और अन्य
अवाँछित पदार्थों को बाहर निकलने में मदद
करता है।
विशेष :
बच्चे, बूढ़े ,diabetic व्यक्ति और immuno-compromised patients(लम्बी बीमारी
के कारन जिनकी रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता
कम हो गयी हो), ऐसे सभी लोगों में बरसात
के मौसम में skin infections का खतरा
अधिक होता है। इसलिए इन सभी को विशेष
ध्यान रखने की जरुरत है।
"ऐसे करें बारिश में त्वचा की देखभाल तो नहीं होगें इन्फेक्शन्स |Monsoon Skin Care in Hindi"
तो देखा दोस्तों अगर हम कुछ छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखें तो हम बारिश का आनद बड़े मजे से उठा सकतें है। परन्तु वहीँ हमारी ज़रा सी लापरवही हमारी त्वचा को भारी पड सकती है और हम कई तरह की फंगल और बैक्टीरियल बिमारियों से ग्रसित हो सकतें है।
जहाँ एक ओर ये skin problems अत्यंत कष्टकारी होती हैं ,वही ये हमारी सुंदरता को भी छीन सकती हैं ,इसलिए ,इनके प्रति सचेत रहें ,Rainy season में skin care tips को अपनाये और बीमारी के होने पर Doctor से तुरंत सलाह लें।
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