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Wednesday, July 04, 2018

क्या होते हैं डेंगू के लक्षण और कैसे करें अपना बचाव | Dengue Symptoms And Prevention In Hindi

बरसात का मौसम सभी के लिए एक सुहावना और मन को मोह लेने वाला मौसम है। परंतु इसकी शुरुआत के साथ ही अखबारों और न्यूज़ चैनलों में कई बीमारियों की ख़बरों की भरमार देखने को मिलने लगती  है , जैसे malaria ,dengue,skin diseases,diarrhea आदि  इसिलए बीते कुछ वर्षों से लोगों में कहीं न कहीं इस मौसम को लेकर एक डर की भावना भी देखने को मिलने लगी है ।   


आज हम बात करेगें डेंगू ( Dengue ) बीमारी की, जिसके  मरीजों की संख्या इस मौसम में बढ़ने लगती है। आज हम जानेगें कि -"क्या होते हैं डेंगू के लक्षण 
और कैसे करें अपना बचाव |Dengue Symptoms 
And Prevention In Hindi "





Dengue Symptoms And Prevention In Hindi
Dengue Symptoms And Prevention In Hindi


अगर पिछले 10 वर्षों की बात की जाए तो  भारत में dengue के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है और हर साल कई हजार लोग इसके  चपेट में आते जा रहे हैं और कई लोग तो असमय मौत का शिकार  भी बन रहे हैं। 

 बीते कुछ सालों से यह समस्या बहुत ही भयावह रूप लेती जा रही है। Dengue से हम सभी तब अपना बचाव कर पाने में सफल होंगें जब हम इसके प्रति लोगो में एक जागरूकता ला पायेंगें कि- Dengue fever क्या होता है ,यह कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं ? 

यदि हम शुरुवात में ही dengue symptoms को पहचान लेते हैं तो मरीज का इलाज ठीक प्रकार से संभव हो पाता है ,अन्यथा ये गंभीर रूप भी ले सकता है जिसमे मरीज़ की जान को खतरा भी हो सकता है। 


डेंगू बुखार क्या होता है -DENGUE FEVER IN HINDI


Dengue fever मच्छरों के काटने से फैलने वाला वायरल रोग ( viral  disease ) है । 


Dengue एडीस प्रजाति ( Aedes type), खासकर के A. aegypti के मादा मच्छर के काटने से फैलता है।

Aedes मच्छर डेंगू के वायरस ( dengue virus ) को मनुष्य में फैलाने का काम करते हैं। 

Dengue virus  चार प्रकार के होते हैं। यदि इन चारों में से किसी एक प्रकार के virus का इंफेक्शन होता है, तो वह हमारे शरीर में बहुत लंबे समय तक के लिए इम्युनिटी/ long term immunity  को पैदा करता है। परंतु बाकी अन्य तीन प्रकार के virus  के लिए शरीर में  short term immunity  ही पैदा होती है। 

इस कारण यदि दूसरी बार किसी व्यक्ति को Dengue fever  होता है तो ये काफी गंभीर परिस्थिति को जन्म दे सकता है ,तब इसे Dengue Hemmorhagic Fever के नाम से  जाना जाता है। 

इस बात को जान लेना अति आवश्यक है कि Dengue केवल और केवल मच्छर के काटने से होता है यह एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है।  


 Dengue fever  एक संक्रामक बीमारी नहीं है यह हवा, पानी, साथ में खाना खाने या एक दूसरे को छूने से नहीं फैलता । 

Aedes  प्रजाति के ( Aedes aegypti ) मादा (female) मच्छर के काटने से फैलता है। 

जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट कर उसका खून चूसते हैं तब मच्छर में डेंगू के वायरस प्रवेश कर जाते हैं। 

अब जब यह मच्छर किसी स्वस्थ मनुष्य को काटते हैं तब मच्छर के saliva /लार से वायरस मनुष्य के खून में प्रवेश कर जाता है और इस प्रकार मनुष्य dengue virus से संक्रमित हो जाता है ,परन्तु  dengue symptoms ३-१० दिन बाद ही दिखने शुरू होते हैं । 

Aedes मच्छर की कुछ खास विशेषताएं होती है  जिनको जानकर  हम dengue की रोकथाम करने में सफल हो सकते हैं :

1) यह मच्छर किसी भी समय काट सकते हैं परंतु यह दिन में ज्यादा सक्रिय रहते हैं।सुबह सवेरे और शाम के पहले इनकी काटने की सक्रियता ज्यादा होती है। 

2) यह मच्छर ज्यादा ऊंचा नहीं उड़ पाते हैं, अर्थात ये जमीन से थोड़ा ही ऊपर उड़ते  हैं।

3) इनकी  एक विशेष पहचान  होती है ,इनके शरीर और पैरों पर सफेद धारियां देखने को मिलती हैं। 

4 ) यह aedes मच्छर ठन्डे और छायादार स्थान पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं। 

5 ) घर में अँधेरे वाले स्थान और कोनों में या परदे, सोफों आदि की पीछे छिपे रहते हैं। 

6 ) ज्यादार मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं किन्तु डेंगू को फैलाने वाला ये aedes मच्छर साफ़ शांत जल में अंडे देते हैं। 

जैसे की घड़े और बाल्टियों में जमा पानी, कूलर की टंकी में भरा पानी, गमलों  में जमा पानी, छत पर लगी पानी की टंकी , या टायर आदि में जमा पानी में ये पनपते हैं। 

7 )  पानी के सूख जाने पर भी इनके अंडे जल्दी नहीं मरते हैं। कभी कभी तो ये १२ महीनो तक भी जीवित रह सकते हैं। 




डेंगू  बुखार के लक्षण / DENGUE SYMPTOMS In Hindi: 


आम बुखार और डेंगू के बुखार के लक्षणों में शुरू में अंतर कर पाना कठिन होता है। मच्छर के काटने के 3-10 दिनों बाद तक इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसके कुछ शुरुवाती लक्षण इस प्रकार हैं :

* तेज़ बुखार जो ठंड लगकर आ सकता है

* सिरदर्द

* मांसपेशियों एवं जोड़ों में भयंकर दर्द

* आखों में और आँखों के पीछे orbit में दर्द का होना (एक अहम् लक्षण
   है dengue fever
का )


* भूख  कम लगना और खाने की इच्छा  न होना 

* जी मिचलाना 

* उलटी होना 

* दस्त होना 

* त्वचा पर लाल रंग के दाने या चकत्तों का होना (ख़ास तौर पर छाती पर)

* थकावट व कमजोरी 

* हड्डियों में भयंकर दर्द जिसके कारण इसे हड्डी-तोड़ बुखार भी कहते हैं 

* Dengue के बुखार में मरीज़ की त्वचा ठंडी रहती है 

* हल्की खाँसी व गले में खराश महसूस हो सकती है


* Dengue Hemmorhagic Fever की स्थिति में प्लेलेट्स (platelets) की संख्या तेजी से कम हो सकती ही। 

* नाक, कान, मुँह या अन्य अंगों से रक्त स्राव शुरू हो जाता है 

*रक्त चाप (B.P) काफी कम हो सकता है या घट बढ़ सकता है 

यदि समय पर उचित चिकित्सा ना मिले तो रोगी कोमा में भी जा सकता है। 

एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बहुत से अन्य रोगों एवं साधरण बुखार आदि के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हो सकते हैं। जरुरी नहीं है की हर मरीज़ में dengue के सभी लक्षण दिखें। कभी कभी रोगी में बुखार के साथ सिर्फ 1 – 2 लक्षण होने पर भी मरीज़ डेंगू पॉजिटिव हो  सकता है। 

यदि बुखार 1 – 2 दिन में ठीक ना हो तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाकर चेक-अप करवाना चाहिए क्योंकि कोई भी बुखार डेंगू हो सकता है। 

लापरवाही करने या अपने मन से दवाइयां लेने से अक्सर मरीज़ अपनी condition को बिगाड़ लेते हैं ऐसी स्थिति में जान का खतरा भी हो जाता है।

Dengue Fever से बचाव व् रोकथाम ( Prevention From Dengue in Hindi ) :


Dengue का सबसे बेहतर इलाज तो यही है कि , इसकी समय रहते रोकथाम कर ली जाये। 
क्यूंकि ये एक viral बिमारी है जिसके कारण इसकी कोई विशेष दवा या vaccine  मौज़ूद नहीं है। 

Dengue के मच्छर हमारे आस- पास न पनप पाएं,इसके लिए यदि हम  सब सचेत हो जाएं तो काफी हद तक dengue की रोकथाम करने में सफलता हासिल कर पाएंगे।  


साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में एवं घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। 

* खुले बर्तनों में पानी भरा न रहने दें। बाल्टी, ड्रम , घड़े, टंकी को हमेशा  ढककर ही रखें। 

जरुरत ना हो तो बर्तन खाली करके या उल्टा करके ही रखें ।

* कूलर के पानी को रोज़ बदले। यदि कूलर का प्रयोग नहीं हो रहा हो तो उसका पूरा पानी खाली करके टंकी को सुखाकर रखें। 

* गमलों ,टायर ,गड्ढों आदि में पानी जमा न होने दें। नालियां भी साफ रखें। 

* घर में तथा आसपास कीटनाशकों का छिड़काव करें। 

* बरसात के मौसम में हमेशा पूरी बांह ( full sleeves) के कपडे ही पहनें। 

* क्यूंकि ये मच्छर नीचे- नीचे ज्यादा उड़ते हैं ,इसलिए पैरों को भी ढककर रखें। 

* Mosquito repellents जैसे मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, liquid , इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग से मच्छरों से अपना बचाव करें । 
  
* यदि आस पास किसी को डेंगू या मलेरिया हो तो उसे डॉक्टर की सलाह लेने क लिए कहें। अपने मन से बुखार के लिए aspirin आदि दवाइयों के प्रयोग से बचें और स्वाथय विभाग को भी सूचना दें ताकि ये उस area में मच्छरों की रोकथाम के लिए उपाय अपनाये जा सकें। 


तो अब आप Dengue symptoms और prevention के बारे में जान गए होंगे। इन symptoms को समय रहते जान लेने और doctor की सलाह पर test आदि करवाकर dengue की पुष्टि आसानी से हो सकती है,जिससे की समय रहते मरीज़ का इलाज संभव हो पाता है।परन्तु सबसे अहम् है की हम Dengue के रोकथाम पर ध्यान दें। Dengue mosquito /मच्छर को पनपने से रोकें और सभी को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। 



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