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Thursday, June 21, 2018

जानें किसे नहीं करना चाहिए सूर्य नमस्कार और क्यों !! और साथ ही जानिए सही तरीका भी |Surya Namaskar Steps & Precautions




Surya Namaskar Steps In Hindi| Surya Namaskar ke faayde |Surya Namaskar ke nuksan |Surya Namaskar Steps and Precautions in Hindi 

योग सम्पूर्ण मानव सभ्यता के लिए, हमारे भारतवर्ष देश की एक सर्वश्रेष्ठ और अत्यंत लाभकारी देंन है।जिसका यदि हम लाभ उठाएं तो हम अपने शरीर और मन दोनों को स्वस्थ बनाये रख सकतें है तथा आज की भाग- दौड़ भरी ज़िन्दगी में होने वाले तनाव बीमारियों आदि से बचे रह सकतें हैं।

आज हमने Yoga में Surya 
Namskar Steps & Precautions In Hindi के बारे में 
detail में जानेंगे और साथ ही साथ यह भी देखेंगें की कही जाने अनजाने कही हम कोई 
गलती तो नहीं कर रहे इसे करने में,जिसके कारण हमें कोई नुकसान हो रहा हो। 

SURYA NAMASKAR STEPS AND PRECAUTIONS
SURYA NAMASKAR STEPS AND PRECAUTIONS IN HINDI

Surya Namskar ke Fayde/ Benefits of Surya Namaskar:

दोस्तों,योग के सभी आसन बहुत ही लाभकारी होते हैं परन्तु Surya namskar को सर्वश्रेष्ट 
आसन कहा गया है।

क्यूंकि प्रतिदिन हम अगर केवल सूर्य नमस्कार का ही अभ्यास कर लें तो,तो पूरे शरीर 
के सभी अगों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।

और फिर किसी और आसन को करने की ज़्यादा ज़रूरत नहीं रहती।इसका प्रतिदिन अभ्यास 
हमें ऊर्जावान,तेजस्वी, निरोगी बनाता है
  • यह एक बहुत ही अच्छा Cardiovascular व्यायाम का कार्य करता है।सूर्य नमस्कार  हमारे शरीर के सभी  में अंगों में रक्त के प्रवाह (blood circulation) और Oxygen supply को बढ़ाता है कई प्रकार के रोगों से रक्षा करता है।
  • हमारी आँखों की रौशनी को बढ़ाने,खून का सही प्रवाह सभी अंगों में करने में मदद करता है।
  • Surya namaskar ह्रदय /heart,यकृत /liver,आँत/Intestine, गला /throat और शरीर के सभी अंगों को लाभ पहुँचाता है।  
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  • सूर्य नमस्कार पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • Surya namaskar Weight Loss के लिए बहुत ही लाभकारी मन जाता है। यह पेट की 
    चर्बी को घटाने में विशेष तौर पर फायदा पहुँचाता है। 
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  • शरीर को लचीला बनाने और मांसपेशियों को relax करने में बहुत मददगार है। 
  • बच्चों में Concentration या एकाग्रता बढ़ाता है।
  • सूर्य नमस्कार मन को शांत करता है, tension और depression को कम करने में मदद
    करता है। 
  • सूर्य नमस्कार त्वचा पर निखार लाने में बहुत अहम् भूमिका निभाता है। चेहरे पर एक
    नैसर्गिक glow लता है और झुर्रियों को कम करता है।

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Surya Namaskar Asana/सूर्य नमस्कार आसन : 



Surya namaskar एक आसन न होकर"12 योग आसनों का एक क्रमबद्ध तरीके से किया जाने वाला योग है। जब  इसके 2 चरण किये जाते हैं तब पूर्ण सूर्य नमस्कार पूरा होता है।"

मेरे कहने का अर्थ है पहले हम दाहिने पैर से शुरू करके सूर्य नमस्कार के 12 आसनों को करते हैं,तब इससे अर्ध सूर्य नमस्कार कहा जाता है,और जब हम बाएं पैर से पुनः उन १२ आसनों को दुहरातें हैं तब पूर्ण सूर्य नमस्कार माना जाता है।

अर्थात 1 round सूर्य नमस्कार तब पूरा होता है जब हम 12  योग आसान right leg से, 12 योग आसान left leg से कर लेते हैं।

सूर्य नमस्कार के कई अलग अलग प्रकार या variations भी पाए जातें है पर किसी एक को ही तिरंतर अभ्यास में लाना बेहतर विकल्प है।

Surya Namskar Mantra भी होते हैं जिनको आप सीख कर यदि करते हैं तो और अधिक लाभ भी ले सकतें हैं Surya Namaskar Steps से।

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किसी भी योग करते वक़्त  कुछ सावधनियां बरतना जरुरी होता है उसी प्रकार सूर्य नमस्कार के दौरान भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है। उन सावधानियों के बारे में बात करने से पहले चलिए Surya Namaskar Steps के बारे में जान लेते हैं।

Name of 12 Asanas of Surya Namaskar Steps in Hindi- सूर्य नमस्कार स्टेप्स के १२ आसनों के नाम  :



  1. प्रणाम आसन | Prayer pose
  2. हस्तउत्तानासन |Raised Arms pose
  3. पाद-हस्तानसन /हस्तपाद आसन |Hand to Foot pose 
  4. अश्व संचालन आसन | Equestrian pose
  5. दंडासन |Dandasan (Stick pose)
  6. अष्टांग नमस्कार | Ashtang Namaskar 
  7. भुजंग आसन|Bhujangasana (Cobra pose)
  8. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  9. अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  10. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  11. हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  12. ताड़ासन | Tadasana 



Surya Namaskar Steps In Hindi -सूर्य नमस्कार स्टेप्स:




1. प्रणाम आसन | Prayer pose:



Surya Namaskar Steps  ,yoga
  Surya Namaskar Steps In Hindi-प्रणाम आसन 

सूर्य नमस्कार का प्रारम्भ प्रणाम आसन से किया 
जाता है। इसके लिए सबसे पहले अपने योग मैट पर एक कोने में सीधे सावधान की मुद्रा में surya namaskar steps शुरू करने के लिए दोनों पैरों
के तलवों को 
आपस में जोड़कर खड़े हो जाएं।

फिर अपनी आँखों को बंद करके तथा मन को शांत और एकाग्र चित करके अपने कन्धों को ढीला छोड़ें। 

अब सांस भरते हुए दोनों हाथो को उठाकर सामने लाये और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को आपस में जोड़कर अपनी छाती या वक्षस्थल के सामने नमस्कार मुद्रा में लाएं।ये कहलाता है, प्रणाम आसन।


2.हस्तउत्तानासन |Raised Arms pose:

                                                
Surya Namaskar Steps  -precautions,Yoga
Surya Namaskar Steps हस्तउत्तानासन



सबसे पहले प्रणाम की मुद्रा में खड़े रहें। इसके बाद आप अपनी दोनों भुजायों को कानों से सटाते हुए पीछे लेकर जाएं

इसके बाद में अपनी कमर को भी थोड़ा सा पीछे ले जाये।

अब आप अपना सारा ध्यान गर्दन के पीछे विशुद्ध चक्र पर केन्द्रित करके रखें ।इसी स्तिथि को कहा जाता है,हस्तउत्तानासन।

3.पाद-हस्तानसन /हस्तपाद आसन |Hand to Foot pose :
Surya Namaskar Steps  ,Yoga
Surya Namaskar Steps -पाद-हस्तानसन


अब साँस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की और झुकना है।

इस दौरान आपको रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखना है और घुटनो को भी सीधा रखने की कोशिश करनी है। 

यदि ज़्यादा असुविधा लगे तो घुटनों को थोड़ा सा मोड़ भी सकतें हैं। 

पूरी तरह से साँसों को छोड़ते हुए हाथों के पंजो को पैरों के समीप रखें। 

इसी स्तिथि को कहा जाता है, पाद-हस्तानसन।

यह भी पढ़ें : 
करें ये 5 प्राणायाम और हर इन्फेक्शन के खिलाफ अपनी इम्युनिटी को करें मज़बूत |5 Best Pranayam for Immunity In Hindi


अश्व संचालन आसन | Equestrian pose:

  
Surya Namaskar Steps ,yoga
Surya Namaskar Steps-अश्व संचालन


अब पाद-हस्तानसन की स्तिथि में हथेलिओं को 
ज़मीन पर रखकर साँस लेते हुए सबसे पहले अपने दाएं पैर को पीछे जितना हो सके ले जाएं और सीधा रखें। 

तथा बाएं घुटने को मोड़े हुए दोनों भुजाओं के बीच में रखें। 

साथ ही साथ चेहरा आकाश की और ऊपर रखे और जितने संभव हो उतना पीछे देखने की कोशिश करें।

यही स्तिथि कहलाती है,अश्व संचालन आसन ।




5.दंडासन |Dandasan (Stick pose):


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Surya Namaskar Steps -दंडासन

अश्व संचालन आसन के बाद सांस अंदर लेते हुए बाएं पैर को भी पीछे ले जाएं और शरीर को एकसीधी  रेखा में रखे। दोनों एड़ियों को आपस में सटाकर रखें। यह स्तिथि कहलाती है दण्डासन।



6.अष्टांग नमस्कार | Ashtang Namaskar

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Surya Namaskar Steps-अष्टांग नमस्कार


अब धीरे-धीरे दोनों घुटनों को जमीन पर लाएं  और सांस  को भी धीरे-धीरे बाहर निकालें। इसके बाद अपने नितम्ब या hips को जमीन से थोड़ा ऊपर उठाएं और बाकी शरीर को आगे की ओर खिसकाकर आगे लाना  है।


इस स्थिति में अपनी कहानियों को थोड़ा ऊपर ही रखना है परंतु छाती , दोनों हथेलियां,और थोड़ी (ठुड्डी /chin) यह भूमि से स्पर्श करती रहेंगी,ऐसी स्थिति को ही कहते हैं अष्टांग नमस्कार


क्योंकि इसमें 8 अंग जिसमें कि दोनों पैरों की उंगलियां, दोनों घुटने ,दोनों हथेलियां ,छाती और ठुड्डी /chin यह आठों अंग ज़मीन को स्पर्श करते हैं।


7.भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose):





Surya Namaskar Steps ,yoga
Surya Namaskar Steps-भुजंग आसन

              

इस आसन में हम नितम्ब को ज़मीन पर रखेंगें और पेट भी ज़मीन को स्पर्श करेगा। 

अपनी हाथों की कोहनियों को सीधा करते हुए कमर से आगे का भाग उपर उठाएंगें और सर को भी पीछे की तरफ तानते हुए ऊपर देखेंगें यह स्तिथि भुजंग यानी की cobra से मिलती जुलती लगती है दोनों पैरों को आपस में जोड़कर रखेंगें। 

कोहनिया हलकी मुडी़ भी रह सकती हैं।



8.पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose):

Surya Namaskar Steps ,yoga
Surya Namaskar Steps -पर्वत आसन



अब पैरों को एक साथ रखते हुए नितम्ब और रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठाएं और हथेलिओं को ज़मीन पर रखें तथा सर को निचे की तरफ झुका कर रखें। एड़ियों को ज़मीन रखने का प्रयास करें। ऐसे में उलटे (^ )जैसी स्तिथि दिखेगी जिसे पर्वत आसान भी कहतें हैं।





9.अश्वसंचालन आसन | AshwaSanchalanasana (Equestrian pose):

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Surya Namaskar Steps -अश्वसंचालन आसन

अब साँस छोड़ते हुए अपने दाहिने पैर को आगे दोनों हाथों के बीच लेकर आएं। बायाँ घुटना ज़मीन को छू सकता है और दायाँ पैर सीधा रहेगा। सिर और चेहरा ऊपर की तरफ रखें और पीछे देखने का प्रयत्न करें।


10.हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
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हस्तपाद आसन

साँस छोड़ते हुए बाएँ  पैर को धीरे से आगे लाये और हथेलिओं को ज़मीन पर लगाकर रखें और सर नीचे की तरफ रहेगा और घुटनों को थोड़ा मुड़ा  भी रहने दे सकतें हैं। अगर संभव हो तो अपनी नाक को घुटनो से छूने का प्रयत्न करें ।


11.हस्त उत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose):
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हस्त उत्थान आसन 


यह  स्तिथि दूसरी स्तिथि के सामान ही है। इसमें धीरे धीरे साँस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को बिना झटके लगाए सीधा करना है और हाथों को पीछे की तरफ लेकर जाना है। दोनों हाथ कानों को स्पर्श 
करेंगे और खीचाव ऊपर की और महसूस करें। 

12.प्रणाम आसान | Pranam Asana :


Surya Namaskar Steps ,yoga

प्रणाम आसान 




इसमें पहली स्तिथि के जैसे दोनों हातों को सामने लेकर प्रणाम की मुद्रा को बनायें।और फिर धीरे से हाथों को नीचे ले आएं।


Note :
यह अभी अर्ध सूर्य नमस्कार हुआ है। यही प्रक्रिया अब बाएं पैर से शुरू करनी है और 12 आसन बाएं पैर से भी करने हैं तब आपका 1 round surya namskar पूरा होगा।


सूर्य नमस्कार करते समय अगर इन बातों का ध्यान रखा जाये तो ये और भी प्रभावशाली हो जाता है 

  • हमेशा खुली,हवादार जगह पर सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें।
  • Surya namskar के पूर्व हल्का warm-up कर लें।
  • Surya namskar को करने का सबसे अच्छा व् उत्तम समय तो सुबह सूर्योदय के समय होता है। सूर्य के सामने यदि आप Surya namskar को करते हैं ये आपको अत्यधिक ऊर्जा प्रदान करता है। 
  • यदि सुबह आप Surya namskar का अभ्यास नहीं कर पा रहे तो शाम का समय भी उत्तम है। अन्यथा दिन में भी किया जा सकता है।
  • यदि आप सुबह  या दिन में इसका अभ्यास कर रहे है तो पूर्व की दिशा की और मुँह करके करें।
  • पर यदि शाम को कर रहे हैं तो पश्चिम की तरफ अपना मुँह रखें।
  • Surya namskar हमेशा खाली पेट करना चाहिये।
  • Surya namskar के दौरान ढीले और आरामदायक कपड़ें ही पहनें।
  • Surya namskar के समय या तो ज़मीन पर yoga mat पतली चद्दर या किसी अन्य पतले गद्दे का प्रयोग करें। आप इसको घास पर भी  कर सकते हैं।
  • एक आसान से दूसरे आसन की स्तिथि में बड़ी ही सहजता के साथ आएं ना कि झटके देते हुए।
  • Surya namskar के पूर्ण हो जाने के बाद कुछ देर शव-आसन /ShavaAsana करें जब तक सांसें फिर से सामन्य जाएं।

कहीं ये गलतियां आप भी तो नहीं कर रहे ?? इन बातों का रखें विशेष ध्यान Suryanamskar Steps के दौरान Precautions 


यदि आप Surya namskar और योग करते हैं तो कुछ का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। कुछ लोग इन बातों की  हैं  जिससे उन्हें नुक्सान भी हो जाता है। 

इसलिए में आपको सलाह दूँगी की Surya namskar और योग ज़रूर करें और इसका लाभ लें

परन्तु कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें जिससे की आपको किसी नुक्सान को न झेलना पड़े। 


1. नियमित अभ्यास न करना :

ज़रूरी है की आप Surya namskar steps अच्छे से सीख कर नियमित रूप से इसका अभ्यास करें। 

क्यूंकि जब आप रोज़ इसका अभ्यास करेंगे तो आपका शरीर अधिक लचीला होता दिन-प्रतिदिन
 आप और भी बेहतर ढंग से इसको कर पायेंगें। 

कुछ लोग की आदत होती है कि, जब मन हुआ तब कर लिया कभी नहीं किया परन्तु ऐस करना गलत है।

क्यूंकि,Surya namskar steps में कुछ ऐसे आसान भी है जो आप नियमित नहीं करेंगें तो आप 
शरीर की flexibility की कमी के कारन ठीक से नहीं कर पायेंगें और जिससे muscle strain/ 
sprain होने का भी खतरा रहता है। 

  2.  शारीरिक  क्षमता से अधिक प्रयास करना :

इस बात को समझना ज़रूरी है की योग या Surya namskar करते समय हमें अपने शरीर की क्षमता के अनुरूप ही सभी स्टेप्स को करना चाहिए। 

अत्यधिक प्रयत्न या खिचाव का प्रयास भूल कर भी न करें। योग शरीर को सहज बनाने और relax करने की पद्विति है।

 यह सच है की जब शुरू में योग या Surya namskar steps प्रारम्भ करेंगे तो शरीर में हलका -फुल्का दर्द या खिचाव होगा परन्तु  नियमित अभ्यास के बाद ये भी दूर हो जायेगा। हमेशा धीरे- धीरे बिना झटके के ही योग करें। 


3.सांस की गति पर ध्यान केंद्रित रखना :

योग का कोई भी अन्य आसन हो या Surya namskar steps इस बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है  साँसों के प्रति जागरूक रहे। योग का  होता है शरीर ,मन और सांस का एक होना या  योग होना।

योग के दौरान जब आप अपनी साँसों के प्रति ध्यान केंद्रित रखेंगे और लम्बी- गहरी सांस लेंगें तब आपकी समस्त मासपेशियों /muscles में oxygen का प्रवाह बढेगा तथा समस्त कोशिकाओं /cells 
में oxygen पहुँच कर शरीर से toxins को बाहर निकालने में मदद करेगी। 

साथ ही साथ आपका मन भी शांत और केंद्रित होता जायेगा जिससे की आप अपने को तनाव से भी मुक्त पायेंगें। 

4.भरे पेट योग या Surya namskar steps करना :

कोई भी योग हो या Surya namskar steps ये बेहद ज़रूरी है की आप इन्हे खाली पेट  करें। 

क्यूंकि खाना खाने के बाद आप आसनों को ठीक प्रकार से नहीं कर पायेंगें और दूसरा खाने के बाद शरीर का maximum blood circulation उस समय आपके पेट की muscles में रहता है जिससे की योग करने पर शरीर की बाकी muscles को सही मात्रा में blood और  oxygen की आपूर्ति नहीं हो पायेगी और दर्द का कारण भी बन जाएगी।

 इससे आपको digestive system /पाचन तंत्र सम्बंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। 

5.पानी का सेवन योग या Surya namskar steps  के दौरान न करें :

जब हम  योग या Surya namskar steps तब हमारे शरीर में blood सर्कुलेशन बढ़ता है और ऊर्जा का संचार होता है साथ ही साथ शरीर का temperature /तापमान भी बढ़ता है ऐसे में बीच बीच में पानी  पीने से परहेज़ करना चाहिए। 

6.झटकों के साथ या बहुत जल्दी- जल्दी करना :

कुछ लोग आदत अनुसार या समय की कमी के कारण बहुत जल्दी जल्दी या फिर झटके देकर surya namskar steps को करते हैं।  या फिर surya namskar steps के सही जानकारी न होने के कारण अलग-अलग स्टेप्स में कुछ गलतियां करते है जिनसे शरीर को नुक्सान भी पहुंच सकता है जैसे कि  रीढ़ की हड्डी को सीधा न रखना।

झटके से एक स्तिथि से दूसरी स्तिथि में जाने से spine को  नुक्सान पहुंच  सकता है और  Low back pain की समस्या हो सकती है। भुजंग आसन में उतना ही ऊपर उठे जितना आसानी से कर पा रहे हों।



सूर्य नमस्कार इन परिस्थितयों  में बिलकुल न करें या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें |Contraindications for Surya Namsakaar In Hindi:

i) शारीरिक दुर्बलता /Body weakness :

यदि किसी लम्बी बिमारी या chronic disease या फिर हड्डियों की दुर्बलता /bone weakness के कारन शरीर में कमजोरी रहती हो  स्तिथि में
 surya namskar steps ना करें, ऐसी स्तिथि में अपने डॉक्टर का परामर्श लेना बहुत ही ज़रूरी है

ii) हृदय -सम्बंधित बिमारियों में /Heart Problems & Diseases:
    
हृदय -सम्बंधित  गंभीर बिमारियों में surya namskar steps नहीं करने चाहिए। यदि आप बिमारी के पूर्व में इसको करते थे और फिर करने की सोच रहे है तो याद रखिये की आपके Doctor की सहमति बहुत ही ज़रूरी है इससे फिर से करने के लिए अन्यथा आपको परेशानी का सामना करना पद सकता है।

और अगर आपका डॉक्टर फिर से surya namskar steps करने की इज़्ज़ज़त  दे देता है तो कोशिश करें की किसी yoga instructor की देख रेख में ही आप इसे करें।

iii)उच्च रक्क्त चाप /High B.P :

यदि आप high b.p से ग्रसित हैं तो भी आपको suryanamskar steps बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करने चाहियें।

आपकी उम्र ज़्यादा नहीं तो है तो ऐसी condition में आप doctor से पूछ कर बड़े ही आराम से धीरे- धीरे suryanamskar steps के थोड़े ही rounds ही करें। इसमें बिलकुल भी ज़ल्दबाज़ी या हड़बड़ी न करें।


iv) मेरुदण्ड सम्बंधित बिमारियों या  पीठ दर्द /Spine Disorders or Low Back Pain:

यदि आपके मेरुदंड में किसी प्रकार की बीमारी हो या किसी चोट या अन्य किसी कारण से Low back pain हो तो ऐसी स्तिथि में surya namskar steps को न करें। 

क्यूंकि इससे करने में रीढ़ की हड्डी में खिचाव आता है जिससे आपको दर्द और परेशानी हो सकती है।

यदि किसी injury के कारन Low back pain की समस्या हुई हो और कई दिन बीत चुके हों ,तो अपने Doctor की सलाह पर धीरे-धीरे इसका अभ्यास शुरू करें।


v) प्रेग्नेंट औरतें /Pregnant Women:

Surya namskar steps में spine और abdomen में खिचाव और pressure पड़ता है ,इसलिए Pregnant औरतों को इसे नहीं करना चाहिए।

Delivery के 40 दिनों के बाद से आप पेट की चर्बी को कम करने के लिए सूर्य नमस्कार शुरू कर सकती हैं। 

vi) माहवारी/Menstruation :

Periods  के दौरान महिलाओं को surya namskar नहीं करना चाहिये क्यूंकि उस दौरान शरीर को किसी भी प्रकार के श्रम करने से बचना चाहिए।

vii) बुख़ार या बिमारी के समय /During Fever or illness:

क्यूंकि ऐसे समय में शरीर दुर्बल रहता है तो,अधिक श्रम करना सही नहीं होता।

viii) गठिया /Arthiritis  & Swollen Joints:

यदि किसी व्यक्ति को arthritis या जोड़ों में सूजन की शिकायत है या घुटनों /knee में दिक्कत है तो ऐसी स्तीथि में भी सूर्य नमस्कार न करें या बहुत ही आराम से किसी प्रशिक्षक की मौजूदगी में ही करें।



ix) कलाई की चोट /Wrist -Injury :

Surya namskar steps में कलाई।/wrist के ऊपर भार आता है इसलिए कलाई की चोट के दौरान आप सूर्य नमस्कार न करें। 

तो देखा आप सबने Surya namskar steps बहुत ही आसान है करने में यदि, इन्हें किसी योग्य प्रशिक्षक से सही ढ़गं से सीख कर आप अपनी दिनचर्या का अंग बना लेते हैं तो आप खुद ही मह्सूस करेंगे की आपमें एक नई ऊर्जा और शक्ति के संचार के साथ -साथ तनाव से मुक्ति भी मिल रही है।

बस कुछ सावधानियां जिनके बारे में मैने आपको बताया है उनका ध्यान ज़रूर रखें जिससे की आपको Surya Namaskar ke fayde और लाभ तो हों, परन्तु किसी लापरवाही के कारण कोई नुकसान न हो।





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